Monday, August 6, 2018

एक कहानी

एक छोटी सी कहानी थी
और फिर कुछ यादें रूहानी थी

कारवां तो था पर हमनवा नहीं,
सफर तो था पर आसां डगर नहीं
महफ़िल तो थी पर मंजिल नहीं,
रहगुज़र तो था पर हमसफर नहीं


एक छोटी सी कहानी थी
और फिर कुछ यादें रूहानी थी

तेरा मिलना किसी ज़लज़ले से कम नहीं
ख़ामोश ख्वाहिशें तेरे आगोश में बह चलीं
दो दिन की आशनाई लिखी थी
तकदीरों में अपनी जुदाई लिखी थी

एक छोटी सी कहानी थी
और फिर कुछ यादें रूहानी थी

वो सिलसिले वक़्त के साथ गुजर गए
मेरे ख्वाबों के महल बिख़र गए
मेरा वक्त वहीं पर ठहरा रहा
दिल एक प्यासा सहरा रहा

एक छोटी सी कहानी थी
और फिर कुछ यादें रूहानी थी

रुसवाईयाँ हर तरफ़ हो गईं
तेरी परछाइयां भी एक दिन खो गईं
तन्हाइयां मेरे साथ दूर तलक गईं
दो जिन्दगानियाँ अनबूझी पहेली बन गईं

एक छोटी सी कहानी थी
और फिर कुछ यादें रूहानी थी

जुगनु